Sri Gur Pratap Suraj Granth

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स्री गुर प्रताप सूरज ग्रंथ (राशि १) ३५

६. बिसूर विसूर दे अंतले दो अज़खर सूर हन।
।संस: वि+सूर, विशेश करके।
सूर, = दुज़ख देणा॥ कशट।
७. सूर शूर ।संस: ॥ बहादुर।
८. सूर शूर ।संस: ॥ सूरज।
अरथ: देवतिआण ळ हानी देण वाले (दैणतां) तोण (जिवेण विशळ जी) बराह रूप बणके
प्रिथवी लै आए (तिवेण आप मुगल मलेछां तोण भारत भूमी छुडाअुण लई)
शेर (रूप धारके आए हो)।
आप दी सुहणी सूरत जो सिमरे (अुह) आपणे हिरदे विच तत गान प्रापत करेगा;
ते ओस दी बुधी पंडित हो जाएगी।
(तुसीण) रण दे पिआरे हो (जदोण) बरछा हज़थ विच फड़दे हो (तां) जो निदक हन
(अुह) दुज़ख ते कशटपाअुणदे हन।
(हे) गुरू हरिगोबिंद जी! (तुसीण) बड़े सूरमे हो, क्रिपालू हो, वैरीआण (रूपी) हनेरे
ळ सूरज होके ढुज़कदे हो।
होर अरथ: (१) (यवनी लोक जो) सूराण (वरगे मलेछ सन भारत) भूमि ते आ
गए (ते हिंदी जो) देवता (सन अुन्हां दी) हानी कर रहे सन। (आप अुहनां
दी रखशा ते धरनी ळ मलेछां तोण छुडाअुण लई) विशनु रूप होके आए।
(३) रण दे पिआरे भाव जोधा होके बरछा हज़थ विच लैके (आप ने ऐसा फेरिआ
कि) निदक (मलेछ) दुखी होके झूरण लगे।
(४) (ग़ुलम दा) हनेरा (पसारन वाले, देस दे) वैरीआण ळ बड़े सूरमा क्रिपालू
गुरू हरिगोबिंद जी सूरज वाणू लगे भाव अुहनां ळ प्राजै कर दिज़ता!
(२) ऐसे (सतिगुरू दी जलाल ते जमाल दोहां तर्हां नाल) सुंदर सूरत ळ जो कोई
सिमरे अुह दिल विच तत गानी ते (वरतोण विज़च) सूरमगती दी बुज़धी वाला
हो जाएगा, भाव गानी बी होवेगा ते ग़ुलम कशट दा मुकाबला करने वाला
सूरमा बी होवेगा। दूजी तुक विच-मति सूर = जो बुज़धी दे सूरमेण हन।
(३) सूर गहे कर मैण रणके, प्रिय निदक, ऐअुण पाठ बी करदे हन, अरथ
होणगे-हज़थ विच बरछा फड़के (जद आप)रण विच (आअुणदे हन) तां आप
दे पिआरिआण दे निदक कशटातुर हो जाणदे हन।
भाव: छित ते सूर पद तोण पहिली तुक दे अरथ बराह अवतार वाले करन दी
रबत रही, परंतू जे इह खिआल छज़डके श्री गुर नानक प्र: पू: अधाय १
अंक १५ वल धिआन करीए तां इह सारा छंद गुरू जी दे सनध बज़ध रूप
वल लगदा है। श्री गुरू हरिगोबिंद बर सनध बज़ध धर धान इथे ओसे
सनध बज़ध सरूप दा चिज़त्र रणभूमी विच खिज़च रहे जापदे हन। किअुणकि
प्रकरण सारा रणखेत्र दा है। फेर अरथ ऐअुण है:-
(श्री गुरू हरिगोबिंद जी छित आनत भे) रणभूमी विच सूरमां सरूप धार के आए
(जिज़थे जंग रचा के) सूरमिआण दे सूरमज़तं ळ नाश करदे भए। ओस सुहणी
सूरत ळ जो याद करे ओह हिरदे विच तां तज़त गान ळ पाएगा ते बुज़धी

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