Sri Nanak Prakash

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को अस करति अुचार, कोइक भाखति३ अपर गति४
देवति दान अुदार, बरकत यां ते अधिक५ है ॥३१॥
सैया: जाचक६ केतिक७ दान को ले
तलवंडी गए नुति८ भूर अुचारी
मोदी भयो न्रिप दौलत खान को
दान को दैन करो प्रन भारी
नग९ छुधातुर१० देखि सकैण नहिण
संपत११ ब्रिज़ध भई१२ सुखकारी
पुंनमती१३ क्रित धंनवती१४
जिह जाचक१५ भीर है तांहि के दारी ॥३२॥
जाचक जे तलवंडी हुते, सभि आवति भे धन लेनि की आसा
जो जिस जाचना आन करी
तस१६ पावति भे, गो को न निरासा
कीरति को सुनि राइबुलार
अनदति प्रापति जिअुण सुख रासा१७सोच बिमोचन१८ सारस लोचन१९
रूप१ बिलोकन२ चाहति पासा ॥३३॥


१अखीर ळ
२पकड़िआ जावेगा
३आखदे हन
४होर तर्हां
५बहुत
६मंगते
७कई इक
८अुसतत
९नगा
१०भुज़खा
११दौलत
१२बहुत वधी
१३पुंन वाली
१४धन वाली
१५मंगतिआण दी
१६तैसी
१७जिवेण कोई सुख दी खां मिल गई है
१८सोचां ळ दूर करन वाले
१९कवल वरगे नेत्र वाले दा

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