Sri Nanak Prakash

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अस प्रकार को सुनि अुपदेशा
गवनो सतिगुर पाइ निदेशा१ ॥७१॥
गयो संगलादीप सथाना
बहुर भगीरथ को गुन खाना२
आइस दीन सदन अब जावहु
हिरदै सदा नाम लिव लावहु ॥७२॥
इति स्री गुर नानक प्रकाश ग्रंथे पूरबारधे मूले को प्रसंग, लखमी दास
जनम, मनसुख भगीरथ गवन प्रसंग बरनन नाम तीसमो अधाय ॥३०॥१सतिगुरू जी दी आगा पाके
२भाव गुरू जी ने

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